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अब हरियाणा में भ्रष्टाचार करने वालों पर होगा एक्शन :तीन दर्जन से अधिक ग्राम पंचायतों में हुए घोटालों पर होगा एक्शन, जानें कैसे ?

नई पंचायतों के गठन के बाद पुरानी पंचायतों में विकास के नाम
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अब हरियाणा में भ्रष्टाचार करने वालों पर होगा एक्शन :तीन दर्जन से अधिक ग्राम पंचायतों में हुए घोटालों पर होगा एक्शन, जानें कैसे ?

नई पंचायतों के गठन के बाद पुरानी पंचायतों में विकास के नाम पर हुए घोटालों की जांच के लिए शिकायतों का दौर भी शुरू होने जा रहा है। आलम यह है कि कई ग्राम सचिव और पूर्व सरपंच नए सरपंचों को रिकॉर्ड तक सौंपने में आनाकानी कर रहे हैं।

Today Haryana, Rewari; सात साल इंतजार के बाद पंचायतों के गठन के बाद पिछले कार्यकाल में किए गए गोलमाल पर एक्शन की शुरूआत हो चुकी है। अभी जिले में 3 दर्जन से अधिक पंचायतों में पूर्व में किए घोटालों की जांच के बाद कार्रवाई की प्रक्रिया तेज होने जा रही है। साथ ही नई पंचायतों के गठन के बाद पुरानी पंचायतों में विकास के नाम पर हुए घोटालों की जांच के लिए शिकायतों का दौर भी शुरू होने जा रहा है। आलम यह है कि कई ग्राम सचिव और पूर्व सरपंच नए सरपंचों को रिकॉर्ड तक सौंपने में आनाकानी कर रहे हैं।

हाल ही में लोधाना की पूर्व सरपंच और दो ग्राम सचिवों समेत कई लोगों के खिलाफ पुलिस केस दर्ज कराया गया है। इन लोगों पर विकास के नाम पर फर्जी बिल बनाकर पंचायती फंड में लाखों रुपए का गोलमाल करने का आरोप है। यह तो एक पंचायत में हुए गोलमाल पर कार्रवाई का नमूना है। सूत्रों के अनुसार प्रशासनिक स्तर पर अभी तीन दर्जन से अधिक ग्राम पंचायतों में गोलमाल की शिकायतों पर कार्रवाई पेंडिंग है। कई शिकायतों पर जांच का कार्य भी पूरा हो चुका है। नए साल में ऐसे कई मामले दर्ज होने की पूरी संभावनाएं हैं। नई पंचायतों के गठन के बाद पेंडिंग केसों का निपटारा अब जल्द किए जाने की दिशा में कदम उठाने शुरू कर दिए गए हैं।

सूत्र बताते हैं कि बीते कार्यकाल में कई पंचायतों में विकास के नाम पर मोटा गोलमाल हो चुका हो चुका है। खासकर समय पर चुनाव नहीं होने के कारण ग्राम पंचायतों को मिले अतिरिक्त समय में ग्राम चंद ग्राम सचिवों ने तत्कालीन सरपंचों के साथ मिलकर फर्जी बिल तैयार करने के बाद पंचायती फंड का दुरूपयोग किया है। सबसे बड़ा घोटाला सोलर लाइटों और पयेजल लाइनों के लिए खरीदे जाने वाले पाइपों में किया गया है। गोलमाल की शिकायतें भी काफी समय से बीडीपीओ से लेकर डीडीपीओ कार्यालयों तक पहुंची हुई हैं। अब इन केसों को निपटाने की दिशा में तेजी से कार्य शुरू होने जा रहा है। इसके बाद गोलमाल करने वाले ग्राम सचिवों और सरपंचों पर प्रशासन का चाबुक चलना तय माना जा रहा है।

रिकॉर्ड देने में भी कर रहे आनाकानी

ग्राम पंचायतों का कार्यकाल पूरा होने के बाद पंचायती राज संस्थाओं का रिकार्ड गत वर्ष फरवरी माह में ही बीडीपीओ कार्यालयों में जमा कराने के ओदश जारी हो गए थे। कागजों में रिकॉर्ड जमा भी हो गया था, परंतु वास्तव में यह रिकॉर्ड पूर्व सरपंचों की अलमारियों में ही रखा था। अलमारियों की चाबियां संबंधित ग्राम सचिवों के पास थी। अब रिकॉर्ड नए सरपंचों को सौंपने में कई गांवों के पूर्व सरपंच और ग्राम सचिव आनाकानी कर रहे हैं।

रिकॉर्ड से मेल नहीं खा रहे बिल

नए सरपंचों को रिकॉर्ड सौंपने में देरी के पीछे बड़ा कारण यह है कि कई पंचायतों में पास हो चुके विकासकायार्ें के बिल वस्तुस्थिति से मेल ही नहीं खा रहे। जिन कायार्ें के बिल रिकॉर्ड में दर्शाए हुए हैं, उनमें से कई कार्य जमीनी तौर पर कराए ही नहीं गए। कई ग्राम पंचायतों में फर्जी बिलों की हकीकत का उजागर होने का अंदेशा बना हुआ है, जिससे संबंधित पूर्व सरपंचों और ग्राम सचिवों पर गाज गिरना तय माना जा रहा है।

 

सस्पेंड होंगे दो ग्राम सचिव

लोधाना में पंचायती फंड के दुरूपयोग के आरोप में दर्ज कराए गए केस में दो ग्राम सचिव अजय और संजय के नाम भी शामिल हैं। इन दोनों की भूमिका फर्जी बिल पास कराने में मानी जा रही है। दोनों के नाम एफआईआर में आने के बाद पंचयात विभाग की ओर से जल्द ही उन्हें सस्पेंड किए जाने की कार्रवाई की जाएगी। लोधाना पंचायत प्रकरण के बाद कई ऐसे पूर्व सरपंचों और ग्राम सचिवों में खलबली मची हुई है, जो घोटालों को अंजाम दे चुके हैं।

भ्रष्टाचार करने वालों पर होगा एक्शन

सरकार भ्रष्टाचार को लेकर पूरी तरह सख्त है। पंचायती फंड का दुरूपयोग करने वाले लोगों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। जिन दो ग्राम सचिवों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है, उन्हें जल्द सस्पेंड करने की कार्रवाई जाएगी। पेंडिंग केसों का निपटारा भी जल्द किया जाएगा। – एचपी बसंल, डीडीपीओ