todayharyana

गेहूं के दामो में फिर आ सकता है उछाल? सरकार बढ़ा सकती है गेहूं खरीद का रकबा? जानिए वजह

Wheat prices may rise again? Can the government increase the area of ​​wheat procurement? know the reason
 | 
Wheat prices may rise again? Can the government increase the area of ​​wheat procurement? know the reason

गेहूं के दामो में फिर आ सकता है उछाल? सरकार बढ़ा सकती है गेहूं खरीद का रकबा? जानिए वजह

दोस्तों सूत्रों के अनुसार कुछ स्थानों पर गेहूं की सरकारी खरीद अपने नियत लक्ष्य पर पहुँचने की कगार पर है वही पर देश के प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों में अभी तक सरकारी खरीद का काम निर्बाद रूप से जारी है इन राज्यों में मध्यप्रदेश और हरियाणा भी शामिल जो की गेहूं उत्पादन राज्यों में क्रमशः दुसरे और तीसरे नम्बर पर आते है इन राज्यों में प्रिवेट व्यापारियों और फ्लोर्स मिलर्स द्वारा गेहूं की खरीद MSP से ऊपर दामो पर भी की जा रही है जिससे सरकार इसके नियत लक्ष्य को घटा सकती है!

अभी तक सरकार की खरीद का आंकड़ा

दोस्तों इसके आलावा मार्च के महीने में हुई बेमौसम बारिश से गेहूं के उत्पादन का रकबा भी कुछ घटने की सम्भावना है केंद्र सरकार ने चालू रबी सीजन के लिए राष्ट्रिय स्तर पर 342 लाख टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य निर्धारित किया था सब देखने वाली बात होगी कि सरकार अपने इस आंकड़े तक पहुँच पाती है या नहीं! गेहूं खरीद के शुरूआती दौर में खरीद की गति धीमी जरुर थी लेकिन पिछले कुछ दिनों में इसकी रफ़्तार में काफी तेजी आई है 22 अप्रैल तक केन्द्रीय पूल के लिए 159 लाख टन से कुछ अधिक गेहूं खरीदा जा चुका है

किसान साथियों पहले पंजाब में पहले चालू सीजन के लिए लगभग 130 लाख टन गेहूं की खरीद करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था लेकिन अब इसको घटाकर 115 – 120 लाख टन करने पर विचार किया जा रहा है लेकिन यदि इन राज्यों में खरीद कम हुई तो सरकार अपनी खरीददारी का लक्ष्य पूरा नहीं कर पायेगी क्यूंकि उत्तर प्रदेश , बिहार और राजस्थान जैसे राज्य इतनी गेहूं की पूर्ति नहीं कर पाएंगे।

दोस्तों अब स्तिथि तभी स्पष्ट हो पायेगी जब अगले महीने केन्द्रीय कृषि मंत्रालय अपना तीसरा अग्रिम अनुमान जरी करेगा। सरकार के दुसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार गेहूं का घरेलु उत्पादन करीब 1122 लाख टन रहने की सम्भावना थी। यदि सरकार के आंकड़े के मुताबिक ही आवक होती है तो 342 लाख टन गेहूं खरीदने में सरकार को कोई परेशानी नहीं होगी क्यूंकि फ़िलहाल गेहूं के निर्यात ओपर भी प्रतिबन्ध लगा हुआ है। इसके उल्ट यदि गेहूं की खरीद कम होती है तो यही माना जायेगा की गेहूं का उत्पादन सरकारी आंकड़े के अनुसार कम हुआ है।

क्या बढ़ सकता है खरीद का रकबा

किसान साथियों अधिकारिक सूत्रों की माने तो खरीद और आवक की वर्तमान रफ़्तार को देखते हुए लग रहा है कि गेहूं की कुल सरकरी खरीद इस बार नियत लक्ष्य से आगे निकल जाएगी। अधिकारिक आंकड़ो के अनुसार अभी तक चालू सीजन में 17 लाख से अधिक किसानो से MSP पर गेहूं की खरीद की जा चुकी है तथा ख़रीदे हुए गेहूं का कुल मूल्य 36,301 करोड़ रूपये आँका गया है। दोस्तों केंद्र सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2021-22 के 2015 रुपए से 110 रुपए बढ़ाकर 2022-23 के सीजन हेतु 2125 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। अब देखने वाली बात रहेगी कि सरकार अपनी खरीद का आंकड़ा पूरा कर पति है या नहीं यदि सरकार अपने इस आंकड़े पर नहीं पहुँच पाती है तो फिर कोई ठोस कदम उठाना पड़ेगा जिससे सरकार गेहूं की खरीद करने के लिए भाव MSP से उपर भी बढ़ा सकती है !