वैज्ञानिकों ने देसी कॉटन की खेती के लिए हरियाणा की आलोचना की- BJP किसी भी देसी चीज़ के प्रति ऑबसेस्ड है

वैज्ञानिकों ने देसी कॉटन की खेती के लिए हरियाणा की आलोचना की- BJP किसी भी देसी चीज़ के प्रति ऑबसेस्ड है
Today Haryana, चंडीगढ़, हरियाणा के किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है क्योंकि सरकार ने देसी कपास की खेती को प्रोत्साहित करने का एलान किया है। लेकिन इस निर्णय को लेकर वैज्ञानिकों और कृषि विशेषज्ञों के बीच विवाद है। इस आलोचना के बीच, कुछ विशेषज्ञ कह रहे हैं कि यह निर्णय किसानों के हित में नहीं है।
विज्ञापन के समय की आलोचना
विज्ञापन में कहा गया है, "देसी कपास उगाएं, प्रोत्साहन पाएं" और इसका मतलब है कि किसानों को देसी कपास की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके बावजूद, वैज्ञानिक डॉ. वीरेंद्र लाठर के अनुसार, इस निर्णय का समय गलत है क्योंकि देसी कपास की बुआई अप्रैल महीने में होती है, जबकि इसके बीज के अंकुरण के लिए फसल को ठंडे तापमान की आवश्यकता होती है। उनका कहना है कि इसलिए, अगस्त महीने में इस प्रोत्साहन की घोषणा करना एक अव्यवहार्य कदम है जिससे किसानों के हित में मदद नहीं मिलेगी।
देसी कपास और उसकी विशेषता
डॉ. लाठर ने बताया कि कपड़ा उद्योग को नरम फाइबर और अच्छी स्टेपल लंबाई के साथ अमेरिकी कपास की आवश्यकता होती है, जबकि देसी कपास, अपने मोटे फाइबर और कम स्टेपल लंबाई के साथ, इस उद्देश्य को पूरा नहीं करता है। इसके अलावा, उन्होंने इस निर्णय को मार्केटिंग के दृष्टिकोण से भी अवास्तविक बताया है।
भाजपा की जुनून की बात
डॉ. लाठर ने इस निर्णय को भाजपा के "देसी या जैविक किसी भी चीज़ के प्रति जुनून" से जुड़ने के रूप में देखा है। वे कहते हैं कि सरकार ने पिछले एक दशक में कृषि में किसी भी देसी या जैविक या अवैज्ञानिक प्रौद्योगिकियों के प्रति जुनून दिखाया है, लेकिन इनमें से कुछ ने खाद्य सुरक्षा को खतरे में डाल सकते हैं।
किसानों का दृष्टिकोण
किसान संगठनों ने इस निर्णय का स्वागत किया है, क्योंकि इससे वे अपनी देसी कपास की खेती को बढ़ावा देंगे। वे इसे उनके लिए एक सशक्तिकरण का मौका मानते हैं और इसके माध्यम से वे अधिक मूल्य के साथ अपनी फसल बेच सकते हैं।
इस निर्णय के पीछे की रणनीति और किसानों के हित में यह निर्णय कितना प्रभावी होगा, यह अभी देखना बाकी है। कुछ विशेषज्ञ और किसान संगठनों के अनुसार, यह एक मनमुटाव प्रदान करने वाला निर्णय है, जो विज्ञानिक और खेती विशेषज्ञों के द्वारा ध्यान में रखा जाना चाहिए।
कृपया ध्यान दें कि मेरी जानकारी कट गई है और इस घटना के बाद किसी और आलोचना या नवाचार की जानकारी मेरे पास नहीं है, इसलिए इस विषय पर सबसे नवीनतम जानकारी के लिए स्थानीय समाचार स्रोतों की जांच करना फायदेमंद हो सकता है।