Rice Export: भारत ने गैर-बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध में ढील दी, ये देश पाएंगे निर्यात की अनुमति

Rice Export: भारत ने गैर-बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध में ढील दी, ये देश पाएंगे निर्यात की अनुमति
कल केंद्र सरकार ने घोषणा की कि भारत ने भूटान, मॉरीशस और सिंगापुर को गैर-बासमती सफेद चावल के 1.43 लाख टन की निर्यात की अनुमति दी है।
भारतीय सरकार ने गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर लगाए गए प्रतिबंध में थोड़ी सी ढील दी है। इसके अनुसार, भूटान, मॉरीशस और सिंगापुर को 1.43 लाख टन गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात की अनुमति मिली है। इस निर्णय के साथ ही अन्य देशों की खाद्य सुरक्षा की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने उनके निर्यात अनुरोधों की सुनी है।
यह निर्णय विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) द्वारा लिया गया है और उन्होंने राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड (एनसीईएल) के माध्यम से निर्यात की अनुमति दी है। जैसा कि नोटिफिकेशन में उल्लिखित है, भूटान को 79,000 टन, मॉरीशस को 14,000 टन और सिंगापुर को 50,000 टन गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात की अनुमति है।
इस निर्णय के पीछे मुख्य कारण भारत की घरेलू आपूर्ति को बढ़ावा देना है। यह नया प्रावधान भारत के खाद्य सुरक्षा को मजबूती देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
देश निर्यात की मात्रा (टन)
भूटान 79,000
मॉरीशस 14,000
सिंगापुर 50,000
निर्यात शुल्क और सीमाएँ:
इस निर्णय के साथ ही सरकार ने निर्यातकों की आर्थिक हिमायत के लिए कुछ महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए है। उन्होंने तय किया है कि बासमती चावल के निर्यात पर 1,200 अमेरिकी डॉलर प्रति टन से कम के निर्यात नहीं किया जाएगा। यह फैसला अन्य किस्मों के चावल के निर्यात को भी लागू होगा।
सरकार ने एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले में भी निर्णय लिया है कि उन निर्यातकों को निर्यात शुल्क का भुगतान करना होगा, जिन्होंने चावल के बैन लगने से पहले उपरोक्त निर्णय का पालन नहीं किया था।
इस निर्णय के साथ, भारत सरकार ने खाद्य सुरक्षा के साथ-साथ निर्यातकों की हिमायत भी सुनिश्चित की है। यह नया निर्णय खाद्य उत्पादों के निर्यात में सुरक्षितता को बढ़ावा देने के साथ-साथ देश की आर्थिक मजबूती को भी बढ़ावा देगा।