कपास में गुलाबी सुंडी की भरमार, नहीं कोई समाधान, प्रति एकड़ 2 क्विंटल उत्पादन होने का अनुमान, किसान हुए मायूस

कपास में गुलाबी सुंडी की भरमार, नहीं कोई समाधान, प्रति एकड़ 2 क्विंटल उत्पादन होने का अनुमान, किसान हुए मायूस
हरियाणा। सिरसा जिला में कपास की फसल में गुलाबी की सुंडी का अटैक देखा गया है। किसान गुलाबी सुंडी को खत्म करने के लिए विभिन्न तरीके अपना रहे हैं। कहीं किटनाकशक दवाई की स्पे्र तो कहीं गो मुत्र का छिड़काव तो कहीं आॅग्रेनिक स्प्रे का प्रयोग किया जा रहा है। लेकिन किसानों का गुलाबी सुंडी से पिछा नही छुट रहा है।
सिरसा जिला के गांव चाहरवाला के किसान अजय बैनीवाल ने बताया कि उसने 5 एकड़ में कपास की खेती की हुई है। जिसमें गुलाबी सुंडी का भरमार है। उन्होने बताया कि गुलाबी सुंडी से छुटकारा पाने के लिए विभिन्न प्रयोग करके देख लिया फिर भी कोई समाधान नही हुआ। उन्होने बताया कि लास्ट में सुटर स्प्रे का छिड़काव किया था जिससे कुछ हद तक फायदा हुआ है लेकिन गुलाबी सुंडी का अटेक जड़ से खत्म नही हुआ है। उन्होने बताया कि सिर्फ उनके खेत में नही बल्कि पड़ोसी लगभग खेतों में गुलाबी सुंडी का अटेक है।
किसानों का कहना है कि इस बार कपास की फसल अच्छी खासी दिखाई दे रही थी। जिससे अनुमान लगाया जा रहा था कि इस बार कपास का उत्पादन प्रति एकड़ के हिसाब से 10 से 12 क्विंटल तक होगा। लेकिन फाल के समय गुलाबी सुंडी के अटेक होने से किसानो की महनत पर पानी फिर गया है। उनके अरमान धरे के धरे रह गए। किसानों का कहना है कि जिस तरह से सुंडी का अटेक देखा जा रहा है उसके हिसाब से प्रति एकड़ 2 से 3 क्विंटल तक ही उत्पादन होगा।
किसानों ने प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि संबंधित विभाग को समय रहते हुए किसानों का सहयोग कर इस समस्या को खत्म करना चाहिए। किसानों को कपास की खेती में आने रोगों से कैंप लगाकर जागरूक करना चाहिए। समय समय पर किसानों को कीटनाशक दवा, खाद-बीज व अन्य योजनाओं के बारे में अवगत करवाना चाहिए। ताकि किसानों को इस समस्याओं से निजात मिल सकें।