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गुलाबी सूंडी का प्रकोप, किसान ने नरमें के खेत में चला दी कंबाइन

Pink bollworm outbreak, farmer runs combine in Narmen field
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kapas

गुलाबी सूंडी के कारण नरमें व कपास की फसलें बुरी तरह बर्बाद हो गई हैं। नरमें के टिंडे में गुलाबी सूंडी इतनी बढ़ गई है। टिंडा खिल नहीं रहा है और खेत में   गुलाबी सूंडी ही सूंडी हो गई। परेशान होकर मजबूरन गांव खाई शेरगढ़ में किसानों ने अपने खेतों में नरमे की वन छटिंयों को समेटने के लिए कंबाइन मशीन चला दी है। किसान भीम सिंह पुत्र नाजर सिंह गांव खाई शेरगढ़ 9 एकड़ नरमे की खड़ी फसल में कंबाइन मशीन चलाई गई है। किसानों ने नरमे की फसल पर 25 से   30 हजार रुपए प्रति एकड़ खर्चा कर रखा है, लेकिन गुलाबी सुंडी ने पूरी फसल बर्बाद कर दी है। जिसकी वजह से किसान को खड़ी फसल में कंबाइन चलानी पड़   रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि 2022 में किसानों की आय दोगुनी कर देंगे। देश के प्रधानमंत्री इस प्रकार कर रहे किसानों की आमदन दोगुनी।

नरमें की फसल से किसानोंं की तौबा

इस दौरान खेत में विनोद कुमार, नाजर सिंह, पंकज जाखड़, रामचंद्र, विनोद कुमार, प्रहलाद सिंह, धानाराम घोटिया सहित दर्जनों किसानों ने नरमें की फसल से तौबा   कर दी है। धरातल पर पिछले 16 सालों से बीटी बीज पर कोई काम नहीं किया गया है जिसकी वजह से नरमे की खेती घाटे का सौदा बन गई है। सरकार को चाहिए   कि किसानों को नई तकनीक के बीटी बीज मुहैया करवाए। हमारी एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटीया व एग्रीकल्चर विभाग किसानों को कैंपों के माध्यम से प्रशिक्षण दे पर   भाजपा ने तो यूनिवर्सिटिययों को भी राजनीति का अखाड़ा बना दिया है जिसका उदाहरण हिसार किसान मेले में आपको देखने को मिलेगा! हमारी सरकार से अपील   है कि किसानों को उच्च कोटि के बीज एपेस्टिसाइड व खाद उपलब्ध करवाए जाएं जिससे कि किसान अपनी किसानी को बचा सके।