todayharyana

अब आंखों को भी दर्द: अभी तक नहीं मिला बीमा क्लेम, आमरण अनशन पर बैठे 7 सरपंच व किसानों के हो गया आई फ्लू

Now eyes ache too: Insurance claim not yet received, 7 sarpanches and farmers sitting on fast unto death got eye flu
 | 
farmer protest

अब आंखों को भी दर्द: अभी तक नहीं मिला बीमा क्लेम, आमरण अनशन पर बैठे 7 सरपंच व किसानों के हो गया आई फ्लू
 

नारायण खेड़ा में 9 दिन से 110 फीट पानी की टंकी पर चढ़े 4 किसान के समर्थन में महिलाओं ने पहुंचकर की नारेबाजी

सिरसा।
हरियाणा में सिरसा जिले में वर्ष 2022 का बीमा क्लेम अभी तक नहीं मिला है। बीमा क्लेम की मांग को लेकर गांव नारायण खेड़ा के अंदर पेयजल केंद्र में बनी 110 फीट पानी की टंकी पर 4 किसान पिछले 9 दिन से चढ़े हुए हैं। वहीं 13 किसान व सरपंच आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं। इनमें आमरण अनशन पर बैठे 7 सरपंच व किसानों के आई फ्लू हो गया है। इससे अब आमरण अनशन पर बैठों को आंखों में दर्द दे रहा हैं।
बीमा
महिलाओं के पहुंचे जत्थे, टै्रक्टरों पर पहुंचे किसान
नारायण खेड़ा गांव में बीमा क्लेम की मांग को लेकर धरने पर बैठे किसानों का समर्थन देने के लिए हरियाणा ही नहीं पंजाब, राजस्थान सहित अनेकों प्रदेशों से किसान ट्रैक्टर व वाहनों में पहुंचे रहे हैं। इसी के साथ जिले के अनेकों गांवों के किसान व महिलाएं जत्थों में पहुंचे रहे हैं। वीरवार को गांव गिगोरानी, लुदेसर, कुम्हरियां, गदली सहित अनेक गांवों के किसान पहुंचे। डीजे की धुन पर नाचते हुए किसानों ने नारेबाजी कर रोष व्यक्त किया।

उपायुक्त से मिलने पहुंच प्रतिनिधि मंडल
गांव नारायण खेड़ा में बीमा क्लेम की मांग को लेकर धरना पर बैठे किसानों के प्रतिनिधि मंडल को वीरवार को जिला उपायुक्तपार्थ गुप्ता ने बातचीत के लिए बुलाया। उन्होंने किसानों को जल्द ही बीमा दिलाने की बात कही। आपको बता दें कि पानी की टंकी से नीचे उतराने के लिए गांव में सोमवार को जिला उपायुक्तपार्थ गुप्ता, एसपी उदय सिंह पहुंचे। उन्होंने किसानों के प्रतिनिधि मंडल से आधा घंटे तक बातचीत की। उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने जल्द ही बीमा दिलाने का आश्वासन दिया। मगर वार्ता बिफल रही।

बीमा

आखिर क्यों नहीं हो रही हमारी सुनवाई
किसान भरत सिंह ने बताया कि अभी तक टंकी पर चढ़े हुए नौ दिन हो गये हैं। अधिकारी आते हैं, चले जाते हैं, मगर यह कोई बताने के लिए तैयार नहीं कि आखिर बीमा क्लेम क्योंं नहीं मिल रहा। अब तो  पानी की टंकी पर चक्कर आ रहे हैं। टंकी पर रात्रि के समय काफी तकलीफ झेलनी पडती है। रात्रि के समय नींद नहीं आ रही है। यहां पर कबूतरों की बीठ से बदूब आ रही है। वहीं जगह नहीं होने पर अच्छे से सो नही पा रहे हैं।
बीमा
बाल्टी से पहुंचा रहे हैं सामान

किसानोंं तक आवश्यक सामान बाल्टी को रस्सी के सहारे ऊपर तक पहुंचाया जा रहा है। और किसानों का कहना है कि जब तक बीमा क्लेम उनके बैंक खातों में नहीं आएगा, तभी तक टंकी पर चढ़े रहेंगे