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नरगिस की खेती: फूलों से किसानों की किस्मत बदल सकती है

नरगिस के फूल की खेती किसानों के लिए मुनाफे का सौदा
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नरगिस की महत्वपूर्ण भूमिका

फूल हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, और वे हमारे जीवन में तनाव को दूर करने का काम भी करते हैं। नरगिस के फूल की खेती किसानों के लिए मुनाफे का सौदा बना सकती है, क्योंकि इसके फूल और कंद बाजार में बहुत मांग होती है। इस लेख में, हम नरगिस की खेती के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देंगे जो किसानों को इस फसल से जुड़े बिजनेस में मदद करेगी।

नरगिस की खेती का समय

नरगिस के फूलों की खेती के लिए सितंबर और अक्टूबर महीने को सबसे उपयुक्त माना जाता है। इस समय में मौसम और जलवायु फूलों की उच्च पैदावार के लिए अच्छा होता है।

मिट्टी और पोषण

नरगिस के फूलों की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी का चयन करना महत्वपूर्ण है। यह मिट्टी दोमट और बलुई मिट्टी होनी चाहिए और पीएच वैल्यू 6.5-7.5 के बीच होना चाहिए। सुनिश्चित करें कि अच्छी जल निकासी की व्यवस्था हो, जिससे कि मूलों को अच्छे से सिंचाई मिल सके।

उपायकरण और तापमान

नरगिस के फूलों की खेती के लिए उपायकरण और तापमान का भी ध्यान देना जरूरी है। प्रति हेक्टेयर के लिए उपायकरण की जरूरत होती है, और आपको ध्यानपूर्वक खाद प्रयोग करना होगा। नरगिस के फूलों के लिए उपायकरण की मात्रा 10 किलो गोबर खाद प्रति वर्ग मीटर और नाइट्रोज, फॉस्फोरस, और पोटाश प्रति हेक्टेयर के हिसाब से दी जाती है। साथ ही, उपायकरण के साथ सही तापमान भी महत्वपूर्ण होता है, जो 11-17 डिग्री सेल्सियस के बीच होना चाहिए।

फूलों की बाजार पहुंच

नरगिस के फूलों की बाजार में बहुत अच्छी मांग होती है, और इन्हें बेचकर किसान शानदार कमाई कर सकते हैं। इन फूलों की शेल्फ लाइफ कम होती है, लेकिन इसकी शेल्फ लाइफ को बढ़ाने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं, जैसे कि फूलों को काटने के बाद पानी से भरी बाल्टी में रखना और उन्हें उपायकरण के साथ भी तैयार करना।

नरगिस की खेती किसानों के लिए एक बढ़िया विकल्प हो सकती है, जो उन्हें अच्छी कमाई करने का मौका दे सकती है। इसके साथ ही, फूलों की खेती से कृषि उत्पादन में भी वृद्धि हो सकती है और नए विपणि अवसर खुल सकते हैं।