By. Today haryana, New Delhi
सरकार किसानों को मुर्गी पालन के लिए प्रोत्साहित कर रही है इसके साथ साथ वह किसानों को मुर्गी पालन पर सब्सिडी भी दे रही है सरकार की दिन प्रतिदिन नई नीतियों में योजनाओं का ग्रामीण किसान अच्छा खासा फायदा भी उठा रहे हैं मुर्गी पालन कर आप चिकन और अंडे से अच्छी कमाई तो कर ही सकते हैं, साथ ही उसकी बीट (मल) से भी कमाई कर सकते हैं.
आमतौर पर जानकारी न होने की वजह से मुर्गी पालने वाले किसान मुर्गियों की बीट को ऐसे ही फेंक देते हैं. लेकिन किसान भाई ऐसा कतई न करें. बीट से कमाई तो होती ही है साथ ही उसके प्रयोग से फसलों की पैदावार भी बढ़ जाती है
इससे पहले मुर्गी की बीट से बायोगैस बनाने की भी खबरें आती रही हैं. उत्तर प्रदेश में भी बायोगैस और मुर्गी की बीट से बनी खाद पर रिसर्च हो रही है. खेती में इस खाद के उपयोग के बाद किसी अन्य खाद या उर्वरक की जरूरत नहीं पड़ती है. इसकी खाद से फसलों का विकास काफी सही तरीके से होता है.
बता दें कि जैसे-जैसे लोगों में जैविक खेती की ओर लोगों का रुझान बढ़ रहा है, मुर्गी की बीट की मांग भी बढ़ती जा रही है. मुर्गी पालक जैविक खाद की कंपनियों को बीट बेच रहे हैं. फिलहाल हमें 7 से 15 रुपए प्रतिकिलो मिल रहा है. जिस तरह इसकी मांग बढ़ रही है, आने वाले समय में मुर्गी पालन और फायदेमंद व्यवसाय साबित होगा.