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कपास के पौधे की हाइट व आकार बिल्कुल सही है लेकिन फाल नही है, तो किसान करें यह उपाय, उत्पादन 15 क्विंटल होगा।

The height and shape of the cotton plant is perfect but there is no fall, so farmers should do this remedy, the production will be 15 quintals.
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cotton farming

कपास के पौधे की हाइट व आकार बिल्कुल सही है लेकिन फाल नही है, तो किसान करें यह उपाय, उत्पादन 15 क्विंटल होगा।
 
Today Haryana: हरियाणा
। जैसा कि आप सभी जानते है कि हरियाणा अपने आप में कृषि प्रधान प्रदेश है। हरियाणा में कपास की खेती बड़े स्तर की जाती है। किसान अधिकतर कपास, धान, मूंगफली, ग्वार, बाजरा, मूंग, मौठ व तिल की खेती करते है। लेकिन इस बार देखा जाए तो किसानों पर कपास की खेती में एक बड़ी समस्या सामने आ रही है। जिसको लेकर किसान काफि चिंतित है।
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किसानों ने बताया कि इस बार कपास की फसल की हाइट लगभग 6 फिट के करीब है आकार व पौधे की ग्रोथ भी काफी अच्छी है। लेकिन फाल बहुत कम है। किसानों ने अपने स्तर पर विभिन्न तरीके अपनाए है लेकिन कोई समाधान नहीं हो पाया हैं। ऐसे में कपास की खेती को लेकर किसान के माथे पर चिंता की लकीर साफ दिखाई दे रही है। किसानों के सहयोग के लिए टुडे हरियाणा कृषि अधिकारियों के सहयोग से समाधान लेकर आया है। किसान इस उपाय को प्रयोग में लाकर देखें लाभ जरूर मिलेगा। तो जानते है क्या कहते है कृषि विशेषज्ञ

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फाल न उठाने का कारण

इस समस्या से निपटने के लिए एडीओ डाॅ संतलाल बैनीवाल ने बताया कि कपास की फसल में यह समस्या आमतौर बनी हुई है। कपास की फसल देखने में अच्छी खासी दिखाई दे रही है लेकिन फाल न के बराबर है। ऐसे में किसानों को परेसान होने की आवश्यकता नहीं है। इसके विभिन्न उपाए है। संतलाल बैनीवाल ने बताया कि कपास में यह समस्या होने का मुख्य कारण है कि इस बारिश न होने की वजह से गर्मी होने के कारण इस तरह की समस्या उत्पन्न होती है। जिसकी वजह से पौधा जड़ से डाइट व पानी को नही उठा रहा है। जिसकी वजह से पौधे को प्रोपर खाद नहीं मिल रहा है। यही कारण है कि बीटी कपास में फाल की समस्या आ रही हैं।

इसका समाधान क्या है


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डाॅ संतलाल ने बताया कि इसके समाधान के लिए किसान भाई को सबसे पहले 13045 एनपीके की स्प्रे करनी चाहिए। इसके पौधे में फल-फाल में भी मजबूती मिलेगी और पौधा गर्मी को भी सहन कर लेगा। उन्होने बताया कि कपास की खेती में हल्का पानी दें और खासतौर यूरिया का प्रयोग बिल्कुल भी न करें क्योंकि कपास की फसल में पहले से ही गर्मी है और यूरिया के प्रयोग से और अधिक गर्मी बढ़ जाएगी। इसलिए यूरिया का प्रयोग न करें। यूरिया की जगह किसान सिर्फ और सिर्फ 13045 एनपीके स्प्रे का प्रयोग करें।\

उन्होने बताया कि किसानों के पास यह समय उचित है इस समय में ही 13045 का प्रयोग करना चाहिए। क्यिोंकी कपास के पौधे के पास फिलहाल बहुत खाद है वह जड़ से लेकर उपर तक नही पहुंच पाती है। इसलिए अभी इस स्प्रे का प्रयोग करना चाहिए।

डाॅ संतलाल बैनीवाल, एडीओ, कृषि विभाग।