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हरियाणा सरकार ने किसानों के लिए बाढ़ और बारिश के नुकसान का मुआवजा घोषित किया, इस तारीख को खाते में आएगी राशि

Haryana government announced compensation for the loss of flood and rain for the farmers, the amount will come in the account on this date
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मुआवजा

बाढ़ और बारिश के नुकसान का मुआवजा किसानों के खातों में जल्द होगा

 हरियाणा सरकार ने किसानों के लिए बाढ़ और बारिश के नुकसान का मुआवजा घोषित किया, इस तारीख को खाते में आएगी राशि 

बाढ़ और बारिश के नुकसान का मुआवजा किसानों के खातों में जल्द होगा

Today Haryana: बाढ़ और भारी बारिश के कारण हरियाणा के किसानों की फसलों में भारी क्षति हुई है। हालांकि, हरियाणा सरकार ने इस समस्या का समाधान निकालने के लिए कदम उठाये हैं। उपमुख्यमंत्री दुष्यन्त चौटाला ने घोषणा की है कि किसानों की मदद के लिए राज्य सरकार 7 सितंबर 2023 तक मुआवजा राशि को किसानों के बैंक खातों में डालेगी।

मुआवजा प्रक्रिया और अंतिम तिथि

अगर कोई किसान अभी तक अपनी फसल के नुकसान की रिपोर्ट मुआवजा पोर्टल पर अपलोड नहीं कर चुका है, तो उसे 18 अगस्त तक यह काम पूरा करना होगा। इसके बाद, सभी किसानों की रिपोर्ट का आकलन किया जाएगा और सितंबर तक उनके खातों में मुआवजे की राशि भेज दी जाएगी।

नई नीतियाँ किसानों के हित में

दुष्यन्त चौटाला ने बताया कि बाढ़ और बारिश के कारण यमुना से सटे कुछ जिलों के खेतों में जमीन कट जाती है और गाद जमा होती है, जिससे किसानों की फसलों को नुकसान होता है। इसके समाधान के लिए सरकार नई नीतियाँ बना रही है।

उपयोगी फैसले

सरकार ने किसानों के हित में कुछ महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। पहले तो प्रतिपूरक सहायकों की शुरुआत की जाएगी ताकि फसल के नुकसान की ताक पर जल्दी से आकलन किया जा सके। दूसरे, भारी वर्षा या गैर-बाढ़ वाले क्षेत्रों में फीडरों की सहायता के लिए फीडर स्थापित किए जाएंगे।

गाद नीलामी योजना

इस योजना के तहत किसानों के खेत में एकत्रित गाद की नीलामी की जाएगी। इससे किसान को 10 लाख रुपये तक की एक तिहाई राशि मिलेगी और दो तिहाई राशि सरकार के खाते में जाएगी। यह नया प्रस्ताव हरियाणा को देश का पहला राज्य बनाता है जो किसानों के नुकसान का मुआवजा देने के लिए ऐसी नीति बना रहा है।

हरियाणा सरकार की यह पहल बाढ़ और बारिश के नुकसान से प्रभावित किसानों की मदद के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह नई नीतियाँ और योजनाएँ किसानों को उनके नुकसान से बचाने में मदद करेंगी और उन्हें सहायता प्रदान करेंगी। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और वे अपने कृषि व्यवसाय को आगे बढ़ा सकेंगे।