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गुजरात सरसों-8: मात्र 94 दिनों में देगी प्रति हेक्टयर 2791 किलोग्राम की बंपर पैदावार

गुजरात सरसों-8: 94 दिन में 2791 किलोग्राम सरसों प्रति हेक्टयर की बेहतर पैदावार के लिए नई उपज
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गुजरात के आणंद एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के कृषि वैज्ञानिकों ने एक नई सरसों किस्म, जिसे 'गुजरात सरसों-8' भी कहा जाता है, का विकास किया है। यह सरसों की नई किस्म केवल 94 दिनों में पूरी तरह से पककर तैयार हो जाती है। इसके बाद किसान हर हेक्टयर पर 2791 किलोग्राम सरसों की बंपर पैदावार कर सकते हैं। इस नई किस्म के सरसों के बीजों की बुवाई करके किसानों को अच्छा लाभ हासिल करने का अवसर मिलता है।

गुजरात सरसों-8 की विशेषताएँ:

  1. तेज पकने वाली किस्म: गुजरात सरसों-8 किस्म केवल 94 दिनों में पूरी तरह से पककर तैयार हो जाती है, जिससे किसानों को उत्पादन के लिए जल्दी लाभ मिलता है।

  2. बेहतर पैदावार: इस किस्म की औसत पैदावार 2791 किलोग्राम प्रति हेक्टयर है, जो बाकी सरसों किस्मों के मुकाबले बेहतर है।

  3. माहू और फफूंदी का कम प्रभाव: इस सरसों की नई किस्म में माहू और फफूंदी जैसे कीटों का कम प्रभाव होता है, जिससे किसानों की लागत कम होती है और उत्पादन अधिक होता है।

  4. उपज में वृद्धि: गुजरात सरसों-8 किस्म की उपज दूसरी प्रमुख सरसों किस्मों से अधिक होती है, जिससे खेतीकरों को बेहतर उत्पादन मिलता है।

  5. तेल की गुणवत्ता: इस किस्म में तेल की मात्रा 38.39% होती है, जिससे खाद्य तेलों के उत्पादन के लिए भी यह बेहद उपयुक्त होता है।

 गुजरात सरसों-8 एक नई उन्नत किस्म है जो किसानों को बेहतर पैदावार प्राप्त करने का अवसर प्रदान करती है। इसकी तेज पकने वाली और बेहतर पैदावार की विशेषताओं ने इसे बाजार में एक बड़ा चयन बना दिया है, और यह भारत के खेतीकरों के लिए एक सशक्त और लाभकारी विकल्प हो सकता है। गुजरात सरसों-8 किस्म के बीजों की बुवाई करके किसान भाई बेहद कम समय में अच्छा लाभ कमा सकते हैं।