धरने पर बैठे किसानों की जीत: 2022 में हरियाणा के सिरसा जिले में बीमा क्लेम की खुशखबरी

धरने पर बैठे किसानों की जीत: 2022 में हरियाणा के सिरसा जिले में बीमा क्लेम की खुशखबरी
किसानों के लिए बड़ी खबर: बीमा क्लेम में आई जीत
Today Haryana : sirsa: 2022 में हरियाणा के सिरसा जिले में किसानों के लिए एक खुशखबरी आई है। पिछले कुछ हफ्तों से जारी धरनों और प्रदर्शनों के बावजूद, नारायण खेड़ा में टंकी पर चढ़े किसानों की मेहनत और संघर्ष ने फल दिखाया। उनकी आवाज़ अंततः सुनी गई और किसानों के बीमा क्लेम को अलग-अलग गांवों के हिसाब से प्राप्त करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
अलग-अलग गांवों के अनुसार बीमा क्लेम
किसानों के लिए बीमा क्लेम की प्रक्रिया में एक नया मोड़ आया है। अब गांवों के हिसाब से खेती के प्रत्येक असर को देखते हुए, उनके बीमा क्लेम की रकम तय की जा रही है। यह नई पहचान की गई स्कीम किसानों को उनके असली नुकसान की प्रतिदिनति देने में मदद करेगी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
अधिक जानकारी के अनुसार बता दें कि अभी तक सिरसा जिला के दो गांव जो कि नेजिया खेड़ा व बेहरवाला के किसानों के खातों में पैसे आने शुरू हो गए है। हालाकिं अभी तक 42 गांव के किसानों का बीमा क्लेम आना शुरू हो गया है। लेकिन अभी तक यह सुनिश्चित नही हो पाया है कि अभी तक प्रति एकड़ के कितने रूपये बीमा क्लेम आया है।
बताया जा रहा है कि अभी तक स्क्रिन शॉटस के मुताबिक किसी गांव में 5000 रूपये तो किसी गांव में 20000 रूपये प्रति एकड़ के हिसाब से बिमा क्लेम आना शुरू हो गया हैं। लेकिन दूसरे गांव के किसानों के लिए बीमा क्लेम आने की अभी तक पुष्टि नही हो पाई है जैसे भी अपडेट आएगी वह अपडेट टुडे हरियाणा के माध्यम से जानकारी किसानों दे दी जाएगी। लेकिन सबसे बड़ी बात यह कि किसानों महनत रंग लाई किसानों की जीत हुई हैं। इस जीत से किसानों की खुशी का ठिकाना नही रहा है।
बीमा क्लेम की रकम की प्रमुख जानकारी
नया बीमा क्लेम प्रक्रिया के अनुसार, किसानों को उनके खेतों में होने वाले नुकसान के आधार पर राशि मिलेगी। निम्नलिखित तालिका में, कुछ उदाहरण दिए गए हैं:
गांव नुकसान की राशि
गांव ए ₹20,000
गांव बी ₹15,500
गांव सी ₹12,000
इस प्रकार, गांव के हिसाब से नुकसान की राशि मिलेगी जो किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने में मदद करेगी।
2022 में हरियाणा के सिरसा जिले की इस बड़ी खबर ने किसानों को नई उम्मीद की किरन दिखाई है। नई बीमा क्लेम प्रक्रिया और गांवों के हिसाब से बीमा क्लेम की रकम के तरीके ने उनकी मुश्किलों को कम करने में मदद की है। यह स्थिति दिखाती है कि आवाज़ उठाने और संघर्ष करने से किसान अपने अधिकारों की प्राप्ति में सफल हो सकते हैं।