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मंडराता बादल, होती बरसात, पीले व सफेद सोने पर खतरा

Hovering clouds, raining, danger to yellow and white gold
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Rain

पिछले 3-4 दिनों से हरियाणा सहित उत्तरी भारत में मौसम ने करवट ली हुई है। अब फसली सीजन है। किसान की फसल पककर खेतोंं मेंं तैयार है। लेकिन मंडराते   हुए बादल किसानों के लिए खतरा बने हुए हैं। क्योंकि बेमौसमी बरसात से किसानों को नुकसान होने वाला है। जहां कहीं भी बरसात हुई है तो वहां पर किसानों को   भारी नुकसान देखने को मिला है। अब खेतोंं मेंं कपास, नरमेंं व धान की सीजन चल रहा है। कुछेक फसल मंडी का रूख कर रही है और कुछेक फसल खेतोंं मेंं पक  ने को तैयार है। लेकिन जहां भी अब किसानों की फसल है, वहीं पर ही बरसात से किसानोंं को खतरा बना हुआ है। क्योंकि फसल बर्बाद होती है तो किसानों को   भारी नुकसान होता है।  

पहले ही मार झेल रहा किसान

गौरतलब है कि बार किसानों को भारी मार झेलनी पड़ी है। जिन किसानों ने कपास व नरमेंं की फसल अपने खेतों में लगाई है तो उनको गुलाबी सूंडी चिट कर गई   है। किसानों ने खाद-स्प्रे करके बहुत ही अधिक खर्च कर दिया था। लेकिन खाद-स्प्रे से किसानों फसल तो देखने मेंं अच्छी रही, लेकिन जब उत्पादन की बारी आई   तो किसानों को फसल ने ठेंगा दिया। कपास व नरमेंं की फसल में गुलाबी सूंडी ने खूब तबाही मचाई है। करीब 70 प्रतिशत नरमें की फसल बर्बाद हुई है। जो   बची-खुची फसल है तो उसे भगवान बरसात से मारना चाहता है। इसके अलावा धान की फसल करने वाले किसानोंं को भी भारी मार पड़ी है। अपनी फसल को   बचाने के लिए किसानोंं ने खूब खर्चा किया है।  

बरसात का प्रभाव

जहां पर बरसात खूब हुई है तो वहां पर अधिकतर फसलें प्रभावित हुई हैं। कपास व नरमें की फसल की रूई गिली होने के कारण चुगारे खेत में नहीं आ रहे हैं और   जो रूई एकत्रित की जा रही है तो भीगने के कारण वह काली हो रही है। जिसका बाजार में कम भाव मिल रहा है। इससे किसानों का भारी नुकसान हो रहा है।   इसके अलावा अब धान की फसल का जोर चल रहा है। कुछेक अगेती किस्मों का धान मंडी में आ रहा है और बाकी पिछेती किस्मों का धान अभी खेतों में खड़ा है।   जो अभी पकने के मूड में है। ऐसे में बरसात व आंधी से अगर वह फसल नीचे गिर जाती है तो उसके झाड़ यानि उत्पादन मेंं कमी आएगी और किसानोंं को भारी नुक  सान होगा।  

मंडी में भीग रही फसल  

सरकार ने बेशक अनाजमंडी में व्यवस्थााओं को लेकर करोड़ों रूपए का बजट लगाया है, लेकिन आज भी किसानों की फसल खूले छत के नीचे पड़ी है। बरसात के   आने के बाद किसानों का पीला सोना या सफेद सोना भीग रहा है। लगभग सभी मंडियों में लेवल की कमी या लेवल सही ना होने के कारण अक्सर मंडी में बरसात   का पानी खड़ा रहता है और अनाज उसमें भीग जाती है। बीते दिनोंं भी बरसात आई थी जिससे किसानों का पीला सोना पानी में भीग गया है। जिससे किसानों में भारी   रोष बना हुआ है। किसान मंडी प्रबंधन व सरकार को कोस रहे हैं।