Business Idea : लाल रंग की भिंडी की करें खेती, ये भिंडी सिर्फ 40 दिन में बना देगी करोड़पति, यहां देखें शुरू से लेकर अंत तक पूरा प्रोसेस
Today Haryana , New Delhi। Published by: sandeep Verma। Tue. 31 Jan 2023
भिंडी हार कोई खाता है लगभग हार किसी की पसंदीदा होती है, पर आज जिस किस्म की भिंडी की हम बात क्र रहे हैं उसकी खेती आपको सिर्फ 40 दिन में ही मालामाल कर देगी। इसकी खेती करना भी बहुत आसान है। आइये जानते हैं पूरी डिटेल
नई दिल्ली: अगर आप भी नौकरी के साथ किसी पार्टटाइम बिजनेस की तलाश में है तो यह खबर आपके काम की है. आजकल कुछ लोग नौकरी के साथ-साथ पार्ट टाइम बिजनेस भी करते हैं, ऐसा ही एक बिजनेस के बारे में हम आपको सलाह देंगे. इस बिजनेस को करने के लिए आपके पास जमीन होने की जरूरत है, इस जमीन को आप पट्टे पर भी ले सकते हैं. अब देश के किसान पारंपरिक फसल की बजाय नकदी फसल को उगाने पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं. किसान कई तरह की नकदी फसलों को उगा भी रहे हैं.
फसल उगाने में भी कम समय
नकदी फसल उगाने का फायदा यह होता है कि आपको इसमें अच्छी कमाई होने के साथ ही फसल उगाने में भी कम समय लगता है. नकदी फसल में सबसे ज्यादा लोकप्रिय सब्जी लाल भिंडी बनी हुई है. इसे देश में बड़े पैमाने पर उगाया जा रहा है. वैज्ञानिकों का मानना है कि लाल भिंडी, हरी भिंडी के मुकाबले सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद है. इसके अलावा बाजार में लाल भिंडी कीमत में भी हरी भिंडी से काफी आगे है.
40 दिन में तैयार हो जाती है फसल
काशी की लालिमा कही जाने वाली लाल भिंडी को उगाने पर आपको ज्यादा पैसे कमाने का मौका मिलता है. भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान ने लाल भिंडी को तैयार किया है. इसके बीज भी अब आसनी से मिलने लगे हैं. यूपी, एमपी, महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा और दिल्ली में इसकी खेती हो रही है. इस भिंडी की फसल भी 40 से 50 दिन में तैयार हो जाती है.
कमाई का मौका
हरी भिंडी के मुकाबले इसका रेट काफी ज्यादा होता है. यदि इसकी खेती से होने वाली कमाई के बारे में बात करें तो यह भिंडी बाजार में 500 रुपये प्रति किलो तक आसानी से बिक जाती है. कभी-कभी इसका रेट बढ़कर 700 से 800 रुपये किलो तक पहुंच जाता है. बताते हैं एक एकड़ में इसकी पैदावार यह 40 से 50 कुंटल तक हो जाती है. ऐसे में आप भी लाल भिंडी की खेती करके लाखों रुपये कमा सकते हैं.
कब करनी चाहिए खेती?
लाल भिंडी की खेती साल में दो बार की जा सकती है. इसके लिए सबसे अनुकूल समय फरवरी-मार्च और जून-जुलाई का रहता है. साथ ही इसकी उपज बलुई दोमट मिट्टी में अच्छी होती है. हरी भिंडी की ही तरह इसकी खेती के लिए जमीन का पीएच लेवल 6 से 7 तक होना जरूरी है. लाल भिंडी में एंथोसाइज नामक तत्व पाया जाता है, जो शरीर के लिए काफी फायदेमंद रहता है. इसमें फाइबर और आयरन की प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. इसे पकाकर खाने की बजाय सलाद के रूप में खाना ज्यादा अच्छा रहता है.