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प्रशासन और किसानों के बीच बनी सहमति, किसानों ने खोला हाईवे, इस तारीख को मिलेगा मुआवजा

Agreement made between the administration and the farmers, the farmers opened the highway, compensation will be received on this date
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प्रशासन और किसानों के बीच बनी सहमति
- लोगों को परेशानी में डालने के बाद रात 11 बजे प्रशासन और किसानों के बीच बनी सहमति 
 

प्रशासन और किसानों के बीच बनी सहमति, किसानों ने खोला हाईवे, इस तारीख को मिलेगा मुआवजा 
 

- लोगों को परेशानी में डालने के बाद रात 11 बजे प्रशासन और किसानों के बीच बनी सहमति 
 

Today Haryana: सिरसा। लोगों को परेशान करने के बाद शासन-प्रशासन जागता है। कल भी यूं ही हुआ। किसानों की ओर से हाई-वे जाम करने से पहले शासन-प्रशासन से साफ शब्दों में कहा गया था कि कब और कितना मुआवजा मिलेगा । यह घोषणा अगर प्रशासन करता है तो वे अपना आंदोलन नहीं बढायेंगे। साथ ही ये भी कहा था कि जितना समय डीसी सिरसा किसानों के बीच आकर मांगेंगे उससे ज्यादा समय किसानों की ओर से दिया जायेगा लेकिन हाई-वे जाम  करने से पहले शासन-प्रशासन द्वारा इस तरह की कोई घोषणा नहीं की गई और किसानों ने अपनी कॉल के अनुसार बुधवार दोपहर लगभग साढ़े 12 बजे भावदीन टोल प्लाजा पर पहुंचकर हाई-वे जाम कर दिया।  

हाई-वे जाम करने के बाद शासन-प्रशासन के हाथ-पांव फूले और किसानों से वार्ता की।  किसानों और प्रशासन के बीच रात 11 बजे टोल खोलने को लेकर सहमति बनी। रात 11 बजे डीसी पार्थ गुप्ता, सिरसा का अतिरिक्त चार्ज संभाल रहे एसपी गंगाराम पूनिया ने किसान नेता रवि आजाद और अन्य से मीटिंग की। मीटिंग में डीसी पार्थ गुप्ता ने कहा कि आने वाले 30 दिनों में मुआवजा आ जाएगा। तब किसानों ने कहा कि मुआवजा 641 करोड़ आएगा।

डीसी ने कहा कि मुआवजा थोड़ा कम हो सकता है। पक्का नहीं बताया जा सकता कि कितना आएगा। इसके बाद किसानों ने मांग रखी कि पहले का कोई भी मुकदमा किसानों पर नहीं रहना चाहिए, जिस पर एसपी गंगाराम पूनिया ने आश्वासन दिया कि कोई मुकदमा पहले का पेंडिंग नहीं रखा जाएगा। साथ ही किसान नेताओं ने कहा कि बुधवार को जो नेशनल हाईवे जाम किया है, यह मुकदमा भी दर्ज नहीं होना चाहिए।

तब प्रशासन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार वे किसानों पर मामला दर्ज करेंगे। इसके बाद किसानों ने कहा कि वे टोल के दोनों साइड की एक- एक लाइन खोल देंगे। किसानों ने कहा कि आज डीसी हाईवे पर आकर मुआवजे की जानकारी दें, उसके बाद हम टोल खाली कर देंगे। इसके बाद वे नारायण खेड़ा जाकर टंकी पर बैठे किसानों को आश्वासन दें, वह भी अपना धरना समाप्त कर देंगे। नाथूसरी चोपटा तहसील में धरना चलता रहेगा।