sirsa
किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है। जिसका कारण सिंचाई के लिए साल दर साल पानी की मांग बढ़ती जा रही है। मगर पानी घटता जा रहा है। पानी के घटने का सिलसिला नहीं रुका है। ऐसे में किसानों को पानी की बचत करना जरूरी हो गया है। इसके लिए यदि किसान सूक्ष्म सिंचाई अपनाकर जहां पानी की बचत कर सकते हैं वहीं सूक्ष्म सिंचाई से अधिक पैदावार ले सकते हैं। इसका सबसे बड़ा फायदा ये भी होता है कि इससे खादों का इस्तेमाल पौधों तक सूक्ष्म सिंचाई के साथ कर सकते है।
बागवानी है सूक्ष्म सिंचाई पर आधारित
सिरसा जिले जिले में करीब चार लाख दो हजार हेक्टेयर भूमि संचित है जबकि जिले में कुल क्षेत्र 4,21,944 हेक्टेयर भूमि कृषि आधारित है। जिले में करीब 13 हजार 500 हेक्टेयर पर सूक्ष्म प्रणाली से बागवानी की जा रही है।
बूंद बूंद होगी पानी की बचत
सूक्ष्म सिंचाई पद्धति के तहत सिंचाई करने से न केवल एक-एक बूंद पानी की बचत होती है, साथ ही पानी की बर्बादी पर भी पूरी तरह रोक लगती है। इससे खेत या बाग में ना ही तो कस्सी उठानी पड़ती है और ना ही किसी प्रकार का कोई झंझट होता है। अपने आप लाइन बिछाकर सुगमता से पानी दिया जाता सकता है। इससे सिंचाई होने से दवा आदि छिड़कने की जरूरत कम ही रहेगी। सिंचाई पर किसान का खर्च कम होगा तो आमदनी अपने आप बढ़ जाती है। किसान सूक्ष्म सिंचाई कर अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।
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कृषि विभाग के जिला उद्यान अधिकारी रधुवीर सिंह ने बताया कि सूक्ष्म सिंचाई से पानी की बचत होती है। क्योंकि पानी की डिमांड बढ़ती जा रही है। ऐसे में पानी की बचत करना जरूरी है। किसान सूक्ष्म सिंचाई करें।