“खाद तो के सै खराब माटी कर राखी से”, खाद केंद्रों के बाहर किसानों ने ऐसे सुनाया अपना दुखड़ा

सुबह से लाइन में लगने के बाद भी किसानों को खाद नहीं मिल रही है। जिससे अब किसानों को गेहूं व सरसों बिजाई लेट होने की चिंता सता रही है।
खरीफ फसल की कटाई जोरों पर है, अब किसानों को गेहूं व सरसों बिजाई के लिए डीएपी खाद किल्लत की समस्या सता रही है, पिछले दिनों सरकार द्वारा डीएपी और यूरिया खाद पर करोड़ों की सब्सिडी देने के बाद भी किसानों को किसी प्रकार का लाभ नहीं मिल रहा है। अब हालात यह है कि किसानों को खाद केंद्रों के बाहर लंबी लाइनों में सुबह से ही लगना पड़ता है और शाम होते-होते आधे किसानों को तो घर खाली हाथ लौटना पड़ता है।
भिवानी में आज किसान खाद केंद्रों के सामने सुबह से लंबी लाइनों मैं लगे थे।लेकिन शाम होते-होते डीएपी और यूरिया खाद की कमी के चलते 25% किसानों को बेरंग घर वापस लौटना पड़ा वहीं कृषि विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि अभी तक पूरे जिले में डीएपी के दो लाख बैग वितरित किए जा चुके हैं
वही खाद केंद्र के सामने लगी लंबी लाइनों में खाद किल्लत की समस्या से जूझ रहे किसानों ने अपना दुखड़ा सुनाया, इनमें से एक किसान ने कहा ‘खाद तो के स खराब माटी कर रखी से’, वहीं अन्य किसानों का कहना है किलाइन में लगने के बावजूद हमें चार-पांच दिनों के बाद खाद मिल रही है,अगर यही सिलसिला रहा तो गेहूं व सरसों की बिजाई लेट हो जाएगी जिससे किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है
ये है जिले में डीएपी का स्टेटस
जिले में सरसाें-गेहूं की बिजाई के लिए 5 लाख बैग की जरूरत है। विभाग अभी तक दाे लाख बैग डीएपी किसानाें काे प्रति बैग 1350 रुपये के हिसाब से बिक्री कर चुका है।
14000 बैग डीएपी के स्टाॅक में से 6000 बैग इफकाे के पास है। 3 दिन बाद भिवानी में रैक लगेगा, जिसमें 50 हजार बैग पहुंचेंगे।