प्रदेश के किसानों के लिए आवश्यक सूचना यह है कि सरकार यूरिया खाद के उपयोग को कम करने की तैयारी कर रही है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यूरिया खाद का खेती में उपयोग कम करने को लेकर कई सालो से विचार कर रही थी लेकिन अब सरकार ने यूरिया खाद को धीरे-धीरे कम करने का मन बना लिया है।
यूरिया नाइट्रोजन युक्त खाद रहता है जो फसलों के विकास बृद्धि हेतु अत्यंत उपयोगी होता है। आज के समय में यूरिया के बिना खेती करना संभव नहीं है। इन फसलों यूरिया की पूर्ति नही की गयी तो फसल पीली पड़ने लगती है और फलस्वरूप उत्पादन कम निकलता है जिस से किसान को काफी नुक्सान होता है।
इस नए खाद का होगा इस्तेमाल
सरकार का सुझाव यह ही की यूरिया खाद का उपयोग कम करके उसकी जगह नैनो यूरिया का उपयोग करे। यूरिया खाद में कमी के बाद होने के बाद किसानों के मन में यही सवाल है की, यूरिया नाइट्रोजन की जगह कोनसी खाद का उपयोग किया जाये। सरकार ने इसके लिए नैनो यूरिया लांच किया है जो इफको कंपनी का पेटेंट प्रोडक्ट है। अन्य खाद में भी नाइट्रोजन की मात्रा रहती है लेकिन फ़िलहाल यूरिआ ही ऐसा प्रोडक्ट है जिसमे 46 प्रतिशत नाइट्रोजन की मात्रा रहती है।