इस फसल से बनती है महंगी दवाइयां और तेल बिकता है 1 हजार से 15 सो रुपए प्रति किलो, सिर्फ 2 महीने में कमाए डेढ़ लाख का मुनाफा

By. today haryana, नई दिल्ली
देश में बढ़िया मुनाफे के चलते छोटे से लेकर बड़े किसान अब हर्बल खेती का रुख कर रहे हैं. मार्केट में हर्बल प्रोडक्ट्स के डिमांड ते चलते किसानों को अच्छा मुनाफा मिलने लगा है. मेंथा भी ऐसी ही एक फसल है, जिसके तेल का इस्तेमाल सुगंधित इत्र और महंगी- महंगी दवाइयां बनाई जाती हैं. कम समय में ही किसान इस फसल की खेती कर मालामाल हो सकता है.
तीन गुना अधिक मुनाफा
विशेषज्ञों के मुताबिक मेंथा की खेती में लागत बहुत कम आती है, जबकि मुनाफा तीन गुना अधिक होता है. वहीं, इसकी खेती से मिट्टी की उर्वरा शक्ति भी बढ़ जाती है. उत्तर प्रदेश में इसकी खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. बदायूं, बाराबंकी, रामपुर, पीलीभीत, सोनभद्र और फैजाबाद सहित कई जिलों में किसान इसकी खेती करते नजर आते हैं.
इन प्रोडक्ट्स को बनाने में आता है काम
मेंथा को किसानों के बीच मिंट नाम से भी जाना जाता है. दवाइयों के साथ-साथ इसके तेल का इस्तेमाल ब्यूटी प्रोडक्ट्स, टूथपेस्ट और कैंडी भी बनाया जाता है. इस वक्त भारत मेंथा तेल का सबसे बड़ा उत्पादक देश है.
कब होती है इसकी बुवाई
मेंथा की बुवाई के लिए फरवरी से अप्रैल तक का महीना सबसे ज्यादा उपयुक्त माना जाता है. इसकी बुवाई करने से पहले खेत की जुताई अच्छे तरीके से कर लें. खेत में सिंचाई की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए. मेंथा की फसल को पानी की बेहद जरूरत पड़ती है. जून महीने में इसकी फसल की कटाई की जा सकती है. फसल को धूप में सुखाने के बाद प्रोसेसिंग के द्वारा इससे तेल निकाला जाता है. करीब एक हेक्टेयर जमीन पर मेंथा की खेती करने पर 100 लीटर तक तेल का उत्पादन हासिल किया जा सकता है.
डेढ़ लाख तक का है मुनाफा
विशेषज्ञों की मानें तो एक हेक्टेयर में में मेंथा की फसल की बुवाई पर तकरीबन 25 हजार रुपये तक का खर्च आता है. मेंथा का तेल का रेट अभी 1000 से 1500 रुपये किलो है.अगर एक में आप 100 किलो तेल का उत्पादन करते हैं तो आपा आसानी से तकरीबन डेढ़ लाख तक की कमाई कर सकते हैं.